Thursday, April 6, 2017

बीजेपी अपने महापुरुषों के आदर्शों का अपमान ना करें

स्थापना दिवस पर विशेष



6 अप्रैल 1980 को जब भारतीय जनता पार्टी बनी तो अटलबिहारी वाजपेयी ने एलान किया था कि "अंधेरा छंटेगा और कमल खिलेगा"

अटलजी की वो भविष्यवाणी तो उसी दिन सच हो गई थी जब 1999 को बीजेपी ने 182 सीटें लेकर  20 से अधिक दलों के साथ एनडीए की सरकार बनाई , पहली गैरकांग्रेसी सरकार जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया ,गठबंधन धर्म की मिसाल पेश की। पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की बात हो , लाहौर बस यात्रा हो , पोखरण का विस्फोट हो , कश्मीर में हालत सुधारने की बात हो, उत्तर -पूर्व का मसला हो , छोटे राज्यों का गठन हो , सड़कों का जाल बिछाना हो ( Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY), National Highway Development Project (NHDP) ,Golden Quadrilateral ) , सर्वशिक्षा अभियान हो अटलजी की सरकार ने पूरी दमदारी से फैसले लिए ,  सरकार को चलाया  और जब जरूरत पड़ी अपनों को डांटने- डपटने में भी पीछे नहीं रहे । सबका साथ सबका विकास इस भावना की नींव अटलजी ने ही रखी जिसको वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा बना कर जन- जन तक पहुंचा दिया ।


बीजेपी की वर्तमान सरकार के पास गठबंधन की मजबूरी नहीं है। यही वजह कि मोदी सरकार साहसिक और सधे हुए फैसले लेने में कोई ढील नहीं बरत रही । सर्जिकल स्ट्राइक हो , नोटबंदी हो , विदेश नीति हो , योजना आयोग जैसी पुराने संस्थाओं को खत्म करना  हो , पुराने और बेकार कानूनों को खत्म करने का मामला हो,  फैसलों में तेजी लाने के लिए कई मंत्रीमंडलीय समितियों को खत्म करना हो, पाकिस्तान -चीन के साथ संबंधों का मामला हो  सरकार ने साफ कर दिया कि देशहित से कोई समझौता नहीं ।

सरकार की नीति और नियत एकदम साफ है तुष्टीकरण नहीं होगा, बहुसंख्यकों की अनदेखी नहीं होगी और अल्पसंख्यकों का नाम पर ठगी की राजनीति बंद होगी ।  सबका साथ सबका विकास के नाम पर खुलकर अपने फ्रंट पर काम कर रही है सरकार ।


डिजिटल इंडिया, मेकइन इंडिया, कौशल भारत,  स्मार्ट सिटी जैसे य़ोजनाओं ने कारोबार कि दुनिया में उत्साह का संचार किया है ।जीएसटी हो या कर प्रणाली में सुधार की बात सरकार व्यवस्था को सरतलम करने के तरीकों की तरफ बढ़ रही है ।   डिफेंस तो  सरकार की हाई प्रायोरिटी में है, रक्षा उत्पादों के मामले में विदेशी निवेश 49 फीसदी हो चुकी है, प्रोद्योगिकी हस्तांतरण में 74 फीसदी और रक्षा खरीदी में राफेल की रफ्तार से फैसलों को अंजाम दिया जा रहा है ।
गरीबी मिटाने के मामले में पहले दिन से सरकार कमर कस कर तैयार है जन- धन योजना , गैस सब्सिडी,  कृषि उत्पादों से लेकर, जल, जंगल और जमीन , पर्यावरण पर सरकार अपने दृष्टिकोण से काम कर रही है ।

प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता की बात करके साफ कर दिया कि ये सरकार सिर्फ तन की सफाई नहीं  बल्कि मन और धन के मामले में भी सफाई चाहती है, भष्ट्राचार और कालेधन को रोकने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही ।

तो भारतीय जनता पार्टी आज भारत को विश्वगुरू के मुकाम पर ले जाने के लिए पूरी तरह सक्षम है । पार्टी स्थापना के 37वें वर्ष में वैभव के चरम पर स्थापित है बीजेपी  और इसकी बुनियाद में हैं कश्मीर के लिए बलिदान देनेवाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी , एकात्म मानववाद के लिए पार्टी को रक्त से सींचनेवाले दीनदयाल उपाध्याय और प्राणों का बलिदान देकर  राममंदिर की अलख जगानेवाले  कारसेवक ।  जी हां ये तीन नहीं होते और पृष्ठभूमि में आरएसएस के  निस्वार्थ स्वयंसेवक नहीं होते तो सत्ता और शक्ति का ये दौर भी नहीं होता ।


शायद इसलिए आज बीजेपी के पास चुनौतियां पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा है  और इस बात के समझने के लिए बस एक ही उदाहरण है कि जिस तरह शहीदों और क्रांतिकारियों के, उसूल, उनके  त्याग, तपस्या और बलिदान का अपमान कर कांग्रेस ने सिर्फ सरकार बनाने-बिगाड़ने  का खेल खेला और  नतीजा पार्टी की दुर्गति हो गई। तो आज के दिन बीजेपी को बस इसी बात को समझना है और संकल्प लेना है कि वो अपने  बलिदानियों का अपमान ना करें,  जनता ने उसे सेवा का  अवसर दिया है ना कि खुद के लिए वैभव और विलासिता का इंतजाम करने के लिए चुना है, और इसके लिए बीजेपी को अब खुद से लड़ना होगा क्योंकि पार्टी को खतरा बाहर से नहीं उसके भीतर बैठे अवसरवादी लोगो से हैं । खैर  पहले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की देहरी को दंडवत प्रणाम कर ये स्पष्ट चुके हैं कि राष्ट्रदेवता की भक्ति की आड़ में आनेवाले हर विघ्न का हरण करने में वो पूरी शक्ति लगा देंगे ।

8 comments:

  1. बिल्कुल सही फरमाया आपने

    ReplyDelete
  2. बेहतरीन। वैसे लगता तो नहीं की पार्टी अपने महापुरुषों के बलिदान को व्यर्थ जीने देगी। हाँ, कुछ कमजोरियां हैं ज़मीनी स्तर पर जिन्हें दूर करना बहुत ज़रूरी है।

    ReplyDelete
  3. बेहतरीन। वैसे लगता तो नहीं की पार्टी अपने महापुरुषों के बलिदान को व्यर्थ जीने देगी। हाँ, कुछ कमजोरियां हैं ज़मीनी स्तर पर जिन्हें दूर करना बहुत ज़रूरी है।

    ReplyDelete
  4. Aatmavlokan me task party sajag Rahi to aage badhte Jana Tay hai. Behtareen aalekh Shridhar.

    ReplyDelete
  5. Aatmavlokan me agar party sajag Rahi to aage badhte Jana Tay hai. Behtareen aalekh Shridhar.

    ReplyDelete
  6. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  7. Great article.... why are you not trying in newspaper or any good magazine.

    ReplyDelete