Wednesday, April 24, 2019

इतनी जिल्लत कांग्रेस ने कभी नहीं झेली

डिजिटल दौर में जनता जेब में सच लेकर घूम रही है 

मुंह पर विरोध, आमने-सामने जलील करना, नेताओं को आइना दिखाने का एक नया ट्रेंड इस बार के लोकसभा चुनावों में बहुत तेजी से उभर कर सामने आया  है । हाल ही में भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजिय सिंह को अपने ही कार्यक्रम में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी जब उन्होंने मोदी पर हमला बोलने के लिए भीड़ में खड़े एक युवक को मंच पर बुला लिया । अब उस ग्रामीण युवक ने बिना डरे जिस तरह अपनी बात रखी उससे बाद दिग्विजय सिंह अपने ही लोगों के बीच लज्जित हो गये । पंद्रह लाख रूपये सवाल पर युवक ने कहां कि मेरे रुपये तभी वसूल हो गये जब प्रधाममंत्री ने पाकिस्तान पर  एयर स्ट्राइक कर दिया । इसके बाद दिग्विजय सिंह ने उस युवक से माइक छीन ली और एक समर्थक ने धक्के देकर उसे मंच से उतार दिया । इस घटना से एक बात साबित हो गई कि लोग जागरूक हो रहे है और नेताओं से बिना डरे अपने मन की बात कह रहे हैं।  

हाल ही में मुंबई में कांग्रेस प्रत्याशी फिल्म स्टार उर्मिला मातोंडकर खुली गाड़ी में रोड शो के जरिए अपने लिए वोट मांग रही थी तभी दादर स्टेशन के पास कुछ युवक जो ट्रेन से उतरे थे उन्होंने मोदी -मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिये। इस बात को लेकर बवाल तो बहुत मचा लेकिन ये स्पष्ट हो गया कि भारत का मतदाता निर्भीक हो गया है।

कांग्रेस ने इस चुनाव अपना सबसे बड़ा दांव चला प्रियंका गांधी को चुनाव के मैदान में उतार कर । लेकिन उनका ये दांव भी इस नये ट्रेंड से से नहीं बच पाया । यूपी में रोड शो के दौरान मोदी समर्थकों के जयकारे सुनने को मजबूर होना पड़ा प्रियंका को ।

पुणे और बेंगलुरू में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जनता से बात करने के दौरान लोगों ने मोदी के मामले में ना केवल उन्हें दो टूक जबाव दिया बल्कि कार्यक्रम में भी  मोदी -मोदी के नारे गूंजने लगे।

हालही में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में एसपी और कांग्रेस के नेताओं ने  मुसलमानों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की लेकिन कार्यक्रम की महिला एंकर जो खुद एक मुसलमान थी  और शो  में मौजूद मुसलमानों ने इन आऱोपों को खुल कर खारिज कर दिया कि मोदी राज में मुसलमान डरा हुआ है । 

पूरे देश में इस तरह के सैकड़ों उदाहरण है इसके अलावा टिवट्रर और सोशल मीडिया आप खोल कर देखिए पब्लिक पूरी बेबाकी से पार्टियों को, उनके नेताओं के जवाब दे रही है और इस लड़ाई में बीजेपी बहुत मजबूत है । नाम के आगे चौकीदार लगाने के ट्रेंड ने चौकीदार चोर के विपक्ष के अभियान को पूरी तरह से फेल कर दिया है । 
गौर करने वाले बात ये हैं कि टीवी, मीडिया और डिजिटल इस दौर में जनता लोकतंत्र को लेकर निर्भीक हुई है और वो वोट की ताकत को ना केवल समझती है बल्कि उसे समझाने का दम भी रखती है । ये प्रमाण है कि भारत का लोकतंत्र आने वाले दिनों में और मजबूत होगा ।

दूसरा जनता की इस बेबाकी से नेता बहुत डरे हुए है इससे ये तय हो गया कि अब वो अपनी जनसभाओं में और संवाद कार्यक्रमों में झूठ बोलने की राजनीति से बचेंगे । डिजिटल दौर में जनता जेब में सच लेकर घूम रही है ।
तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि मुंह पर जनता के विरोध का सबसे बड़ा दंश झेल रही है कांग्रेस जबकि बेचारी ये कमजोर विपक्ष है । जबकि अमूमन होता ये है कि जनता से सबसे ज्यादा डर सरकार को लगना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। इसका मतलब है कि लोगो को सरकार पर भरोसा है और भरोसा इस कदर है कि वो उसके विरोधियों को मुंह पर नकारने का दम भी रखती है । 


2019 आम चुनाओं  में नेताओं को सामने से खड़ा उन्हें आइना दिखाने का ये जो देशव्यापी चलन चल निकला है अगर इसका आंकलन करें तो मुझे फिलहाल यही समझ आ रहा कि मौजूदा सरकार और मजबूती से रीपीट होने वाली है । 


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