Sunday, May 21, 2017

राजेश कुमार को रेड इंक अवॉर्ड

मुंबई प्रेस क्लब देगा एक लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र
देश के मूर्धन्य पत्रकारों के "रेड इंक अवॉर्ड"  क्लब में जब राजेश कुमार का नाम के शुमार होने का जानकारी मिली तो मेरे हर्ष की सीमा ना रही । मुझे ऐसे लगा जैसे मुझे ही कोई सम्मान मिला हो और फिर इस खुशी को जब मैंने अपने मित्रों से साझा किया वो भी खुश हुए बिना नहीं रह सके। ये सभी के लिए गर्व का एक विषय था जिसे हर कोई सेलब्रेट करना चाहता था। यही राजेश कुमार की कामयाबी का राज है पत्रकारिता जैसे पेशे में हर किसी के बीच समान रूप से लोकप्रियता हासिल करने वाले वो देश के बिरले पत्रकारों में शामिल हैं ।
राजेश से मेरी मुलाकात मुंबई ब्यूरो में आजतक में काम करने के दौरान हुई, उन्होंने बतौर क्राइम रिपोर्टर ज्वाइन किया था। मेरी जो भी मजबूरियां रही हो राजेश कुमार की पीटीसी शुरूआती दिनों में आये दिन नहीं लग पाती थी। लेकिन राजेश जैसे तेजतर्रार और ठोस रिपोर्टर का यूं मौन रह जाना मुझे सोचने पर मजबूर जरूर करता था । लेकिन राजेश ने धैर्य नहीं खोया ना ही कभी संयम । शायद एक पेशेवर पत्रकार के हुनर को राजेश ने अपनी शुरूआती दिनों में ही अपने आचरण का हिस्सा बना लिया था और यही वजह रही कि थोड़े ही दिनों में राजेश मुंबई ब्यूरो के लिए एक एसेट साबित होने लगे थे  ।
राजेश ने आजतक के मुंबई ब्यूरो में काम करते हुए जो छाप छोड़ी थी उससे प्रभावित होकर ही मैंने राजेश को अपने साथ इंडिया न्यूज लेकर जाने का मन बनाया। कुछ कारणों से मैं इंडिया न्यूज को अपनी सेवायें नहीं दे सका लेकिन राजेश ने वहां अपनी उपयोगिता को साबित किया। इंडिया न्यूज में राजेश कुमार के काम करने का दायरा देशव्यापी हो गया। उन्होंने चुनाव के लिए देश के भीतर से लेकर सरहद तक की रिपोर्टिंग की है । सर्जिकल स्ट्राइन के दौरान जान को जोखिम में डाल कर एलओसी से रिपोर्टिंग करने वालों पत्रकारों में राजेश कुमार का नाम शुमार है । राजेश देश के उन चुनिंदा पत्रकारों में हैं  जिन्होंने  डिफेंस की रिपोर्टिंग की बाकयदा ट्रेनिंग ली है ।
मुद्दा कोई भी हो राजेश ख़बर की नब्ज़ पकड़ते हैं । सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने को लेकर राजेश में एक जुनून है ।न्यूज के मामले उनमें एक ग़ज़ब की धुन है । लेकिन इससे अच्छी बात जो उन्हें एक बड़ा पत्रकार बनाती है वो है उनका संयमित और सुलझा आचरण। वो सनसनी पैदा करने वाली पत्रकारिता करने के बजाय खबर की गंभीरता के हिसाब से चलने में यकीन करते हैं ।
राजेश कुमार ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके की सूखे की स्थिति को लेकर जो रिपोर्टिंग प्रस्तुत की वो आंखें खोलने वाली थी। शासन से लेकर प्रशासन तक सूखे की इस भयावहता को जानकर हैरान रह गया था। राकेश ने किसानों की केस स्टडी की। जमीनी  हकीकत को समझा और दुनिया को बताया कि बुंदेलखंड का सूखा सिर्फ एक इलाके की समस्या नहीं है ये आनेवाले कल की कई इलाकों समस्या है । समय रहते नहीं चेते तो देश के कई इलाके बुंदेलखंड जैसे सूखे से जूझने के लिए मजबूर हो जाएंगे । मानवता को झकझोर देनेवाली इस रिपोर्टिंग को मुंबई प्रेस क्लब ने सबसे आला दर्जे की रिपोर्टिंग माना और  राजेश को अपने सबसे प्रतिष्ठित "रेड इंक अवॉर्ड" से सम्मानित करने का फैसला लिया ।
अब आप सोच रहे होंगे जो शख्स पत्रकारिता के इतने व्यापक स्तर पर बारीक पकड़ रखता होगा वो जरूर कोई बेहद धीर-गंभीर व्यक्ति होगा, तो सुनिए काम के मामले राजेश जितने गंभीर हैं दोस्तों के बीच वो अपने भोलेपन के लिए उतने ही लोकप्रिय। राजेश की सादगी और भोलापन पत्रकारिता के पेश में उन्हें विश्वसनीय बनाती है । राजेश पत्रकारों की भीड़ में शामिल नहीं है वो पत्रकारों की भरोसेमंद टोली का हिस्सा है । मेरा यकीन मानिए मुंबई के एनसीपीए थियेटर में जब राजेश को "रेड इंक अवॉर्ड" से नवाजा जाएगा तो सम्मान खुद को गौरवान्वित महसूस करेगा। ये उपलब्धि राजेश की एक सिर्फ शुरुआत है आने वाले कल में पूरा आकाश पड़ा है उनके पत्रकारिता की  व्याख्या करने के लिए ।
शुभकामनाएं राजेश

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