Wednesday, May 24, 2017

पूरब, पश्चिम और उत्तर के बाद दक्षिण को जीतने की तैयारी में अमित शाह

2019 में तेलंगाना को करेगी बीजेपी टारगेट

तेलंगाना दक्षिण में बीजेपी के लिए प्रवेश द्वार बने,  अब अगर अमित शाह ने ऐसा ठान लिया है और एलान कर दिया है  तो खलबली तो मचनी ही थी । अपने तीन दिन के तेलंगाना प्रवास के दौरान उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री की रातों की नींद और दिन का चैन सब छीन लिया । मुख्यमंत्री पर राजनीतिक हमला बोलने का शाह ने कोई मौका नहीं छोड़ा । उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पर नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि वो केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लागू करने में पूरी तरह से नाकाम है। अब एक हाई प्रोफाइल और हैवीवेट पार्टी प्रेसीडेंट का तेलगांना की चिलचिलाती धूम में यूं दरवाजे-दरवाजे पर जाना ये बताता है कि बीजेपी का प्लान ऑफ एक्शन कितना तगड़ा और महत्वाकांक्षी है।
22 मई को अमित शाह ने नल्लगोंडा जिले के  थेराटपल्ली गांव की दलित कॉलोनी में लंच करके ये बता दिया पार्टी हर स्तर पर खुद को मजबूत करेगी । उन्होंने पार्टी के लिए शहीद होने वाले कार्यकर्ता जी मेसैय्या की प्रतिमा का अनावरण के करके कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि उनका बलिदान बेकार नहीं होगा। घर-घर जाकर अमित शाह ने खुद अपने हाथों से "मेरा घर-भाजपा का घर" स्टीकर चिपकाया । वेलुगोपल्ली गांव में शाह ने दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण भी किया ।

23 मई को शाह चिन्नमाद्रम गांव में अपने अभियान की शुरूआत विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण से की । यहां उन्होंन एक तीर से कई निशाने साधे । इस गांव की महिला सरपंच भाग्यअम्मा  को शाह ने सम्मानित किया । सरपंच भाग्यअम्मा की तारीफ कर शाह ने गांव के छोटे- छोटे कार्यकर्ताओं की ये संदेश देन की कोशिश की पार्टी सबका साथ और सबका विकास के नारे को पूरे अंत:करण से अपना चुकी है। गांव के हर घर में टायलेट बनाने की कोशिश हो, गांववालों को जन-धन योजना से जोड़ना हो या फिर पीएम उज्जवला योजना का लाभ दिलाना हो सरपंच भाग्यअम्मा ने बीजेपी अध्यक्ष की सराहना हासिल की। उन्होंने पिछड़े लोगों की सभा को भी संबोधित किया । नारीरेकल विधानसभा क्षेत्र में गुंद्रामपल्ली गांव में उन्होंने द्वार-द्रार पहुंच कर संपर्क किया, स्थानीय वरिष्ठ लोगों को सम्मानित  किया और उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश की वर्तमान सरकार पूरी तरह से गरीबों के उत्थान में लगी है ।

आखिर में हैदराबाद में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन के माध्यम से वो पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने में भी कामयाब रहे । जिस तरह से उन्होंने तेलगांना सरकार को आड़े हाथों लिया उससे ये तो साफ हो गया कि बीजेपी तेलगांना में अपने लिए जमीन तैयार करने में जुट गई है । बीजेपी की इस मेहनत को देखते हुए सत्तारुढ़ टीआरएस का तिलमिलाना लाजिमी है ।
लक्ष्यद्वीप के बाद जिस तरह से अमित शाह तेलगांना बीजेपी में प्राण फूंके है ,पार्टी प्रेसीडेंट का राज्य के घऱ-घर में जाकर  लोगों के मुलाकात करने की आक्रामक रणनीति से ये तो तय हो गया है कि बीजेपी अपने मौजूदा विस्तार से खुश होकर बैठने वाली नहीं है। पार्टी ने जैसे उत्तर भारत, पश्चिम भारत और पूर्वी भारत में अपना परचम फहराया है वो कुछ वैसा ही करिश्मा दक्षिण भारत में करना चाहती है । दक्षिण में द्वार-द्वार शाह की दस्तक में ये सकेंत साफ छुपा है वो पार्टी के लिए  ऐसी देशव्यापी जमीन तैयार करने में लगे है जहां विरोधियों के लिए पैर रखने की भी गुंजाइश ना हो । पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को पीछे छोड़ कर आगे की सोच रही है जिसमें लक्ष्य है यत्र, तत्र, बीजेपी सर्वत्र ।  

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