Friday, April 10, 2020

संकटमोचक की भूमिका में इंडिया को-विन एक्शन नेटवर्क



कोरना संकट से निटपने के लिए सरकार और प्रशासन जिस तरह नित नयी योजनाओं पर काम कर रहे हैं, वहीं रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी मुंबई और कनेक्टिंग ड्रीम फांउडेशन दिल्ली  के संयुक्त प्रयास से स्वयंसेवक जरूरमंदों तक पहुंचने के लिए अपने हर संपर्क को एक्टिव कर रहे हैं।  राज्यसभा सदस्य और प्रबोधिनी के वाइस चेयरमैंन विनय सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि हर रोज हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की है जिसके लिए हम फोन, वीडियो कांफ्रेंसिंग, मैसेजिंग और तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं । उन्होंने बताया कि हमसे जुड़ने वाले हर वॉलेंटियर से हम फिलहाल  ये अपेक्षा कर रहे हैं कि वो अपने आस-पड़ोस पर नजर रखे और ये सुनिश्चित करें कि कोई भी  भोजन, पानी और दवा जैसी अन्य जरूरी चीजों के लिए परेशान ना हो । सहस्त्रबुद्धे के मुताबिक  cowinactionnetwork.in  की पारस्परिक सहयोग की इस  अनोखी पहल ने पूरे भारत में एक नयी जान फूंक दी है  और बेहद सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं ।


आई कैन इंडिया कैन-   इस आइडिया के साथ जब  नेटवर्क के लोगों ने  इस काम को आगे बढ़ाया था तो  मकसद लोगों में आत्मविश्वास जगाना था।  लोगों से लोगों के जुड़ने का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ है कि हर आदमी सकंट की इस घड़ी में आगे आकर अपना योगदान दे रहा है । नेटवर्क की साइट पर हर पल देश के कोने -कोने से लोग खुद को वॉलेंटियर के तौर पर रजिस्टर करवा रहे हैं । अब ये एक आंदोलन बन गया है ।   
अन्न दान महादान - सहस्त्रबुद्दे में बताया कि नेटवर्क पर सबसे ज्यादा जरूरतमंद वो लोग है जो या तो झुग्गियों में रहते हैं, दिहाड़ी मजदूर है या फिर बुजुर्ग जो लॉकडाउन में बाहर निकर कर अपने भोजन का प्रबंध नहीं कर सकते । अब हमारे वॉलेंटियर ने हजारों की तादाद में ऐसे इलाके और लोगों के चिन्हित किया और सुनिश्चत किया है कि जब तक लॉकडाउन  जैसे हालात रहेंगे ऐसे लोगों को भोजन और दवा जैसी जरूरी चीजों के लिए परेशान नहीं होना पडेगा और ये काम सतत जारी है ।
 
परोपकरार्थ ईदम शरीरम - सहस्त्रबुद्धे इस बात को लेकर बेहद उत्साहित है कि संकट की घड़ी हमें लोगों की चेतना को जांचने का भी अवसर  मिला ,इस डिजिटल प्लेटफार्म पर हमने ये पाया कि  दुनिया अन्य देशों के मुकाबले भारत के लोग परोपकार में बहुत आगे हैं । हर वॉलेंटियंर और उससे जुड़ने वाले लोग,  स्वयंसेवी संस्थायें क्षमता से आगे बढ़कर इस संकट से लड़ रहे हैं और अपना तन, मन धन सब लगा रहे हैं ।

वसुधैव कुटंबकम - सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि इस प्लेटफार्म पर हजारों की तादाद में जुड़े ज्यादातर वॉलेंटियर्स एक दूसरे से अपरिचित है , कभी कोई किसी से नहीं मिला और ना ही देखा । अलग -अलग धर्म, संप्रदाय, जाति और भाषा के लोग, एक दूसरे से एकदम अनजान होकर भी वॉर रूम से सूचना और जानकारी  पाकर ऐसे एक्टिव हो जाते है जैसे पीड़ित या जरूतमंद उनके परिवार का ही सदस्य  हो । राहत पहुंचाने की उनकी सक्रियता और उनकी कर्तव्यपरायणता से जाहिर होता है कि  पूरे विश्व को एक परिवार मानने का बोध हम भारतीयों के रक्त में कितना गहरा है ।   

सर्वे संतु निरामय -   cowinactionnetwork.in का लक्ष्य भारत सरकार और भारत की जनता को सहयोग देना है  और हर हाल में कोरोना से देश को मुक्त करना है । विनय सहस्त्रबुद्दे को भरोसा है जैसे जैसे हमारा नेटवर्क आगे बढ़ेगा हम रोगियों और चिकित्सकों को कैसे मदद पहुंचा सकते हैं उस दिशा में भी आगे बढ़ेंगे। मास्क, सेनेटाइजर, संसाधन और जीवन रक्षक दवाईयों के जरिये भी मदद के लिए हमारे वॉलेंटियर्स कमर कस चुके हैं ।

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