Sunday, April 12, 2020

सकंट की इस घड़ी में किसानों को कमजोर नहीं होने देंगे - डॉ. विनय सहस्त्रबुद्दे






कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब किसान सबसे ज्यादा हताश और परेशान दिख रहा था तब रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी मुंबई और कनेक्टिंग ड्रीम फांउडेशन दिल्ली  के संयुक्त प्रयासों के तहत कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सक्रिय इंडिया को-विन एक्शन नेटवर्क की एक पहल ने किसानों को उम्मीदों से भर दिया । राज्यसभा सांसद और प्रबोधिनी के वाइस -चेयरमैन डॉं. विनय सहस्त्रबुद्धे की अध्यक्षता में भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकजुट किया गया । जहां सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर किसानों को अकेला नहीं छोड़ेगी और  होने वाले  नुकसान की भरपाई करने के लिए उन्हें हर संभव मदद करेगी । इस वेबनार के दौरान उन्होंने किसानों को cowinactionnetwork.in के बारें में भी बताया कि कैसे इस पोर्टल के जरिए समाज से मदद लेने और देने वाले एक मंच पर आकर परस्पर सहयोग कर रहे हैं । लॉकडाउन के इस दौर में "आई-कैन" के इस प्रयासों को किसान नेताओं ने अपने लिए भी उपयोगी बताया ।


वेबनार में मौजूद देशभर के किसान प्रतिनिधियों ने  सहस्त्रबुद्दे के सामने मौजूदा दौर की तमाम चुनौतियों से अवगत कराया जैसे कि थोक बाजार और मंडियों का कामकाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है । किसानों को खुदरा बाजार में भी अपने उत्पादों को लेकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । डिजिटल साक्षरता का कमी के चलते ऑनलाइन खरीदी और ब्रिकी का भी ज्यादातर खेतिहर किसान लाभ नहीं ले पा रहे है ।  किसानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि परिवहन पूरी तरह से ठप पड़ जाने की वजह से कृषि यंत्रों की आवाजाही नहीं पा रही जिसके चलते खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हो रहा है । समय पर उनकी कटाई नहीं हो पा रही ।  फसल और बीजों के वितरण की समस्या से भी किसान दो-चार हो रहे हैं।




किसान नेताओं की बातों को सुनने के बाद सहस्त्रबुद्धे ने किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भरोसा दिया कि इस मुश्किल घड़ी में समाज के लोग भी किसान के साथ खड़े हैं । उन्होंने बताया कि इंडिया को-विन एक्शन नेटवर्क के जरिए हम उन तमाम उपायों को एक फोरम से जोड़ने की कोशिश करेंगे जहां किसान अपनी फसल, बीज, खाद, कीटनाशक दवाइयां और कृषि उपकरणों से संबंधित अपनी जरूरतों  और परेशानी को खुलकर रखेंगे और उसी फोरम में ऐसे जानकार लोग होंगे जिनके पास किसानों की हर समस्या का समाधान होगा । किसान और समाधान से भरे जानकार जब आमने -सामने होंगे तो  मुसीबत कितनी भी बड़ी हो उसे हल किया जा सकता है ।


लॉकडाउन के इस दौर में किसानों के नेताओं ने वेबनार के जरिए सहस्त्रबुध्दे की इस पहल की बहुत तारीफ की और आत्मविश्वास से भरे किसानों को अब लगता है  कि ट्रैक्टर और कंम्प्यूटर का साथ ही  भारत के किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने में सक्षम है ।


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