Monday, April 15, 2019

भक्तों की बयार और प्यार से सराबोर है 2019 का आम चुनाव

भक्ति फैक्टर भटका सकता है बड़े -बड़ों का गणित 

कोलकाता के एक ब्रिज पर पढ़ा-लिखा एक दंपति नमो टी शर्ट पहने अकेले ही मोदी सरकार फिर एक बार के नारे लगाता दौड़ा चला जा रहा था पढ़े -लिखे लोग अगर ये करे तो उनकी बेचैनी को समझा जा सकता है कि वो मोदी पर किस कदर भरोसा लगाये बैठे है और वो पिछली सरकारों से कितने हताश । मोदी विरोधी ऐसे लोगों को भक्त कहते हैं लेकिन उन्हें ये जरूर सोचना होगा कि आखिर विपक्ष ऐसा क्यों नहीं कर सका। भक्ति फैक्टर विपक्ष के लिए  ऐसी चुनौती है जिसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि ये कहां कहां सक्रिय है कितनी तादाद में है? खुद बीजेपी वालों को भी नहीं पता । 
मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वालों को पता है कई समूह लंबी यात्रा को आसान बनाने लिए मिलकर सुंदरकांड का पाठ करते है, कई समूह रामधुन गाते चलते है तो कई लोग भजन मिलकर गाते हैं  लेकिन इस बार लोकल ट्रेन में पहली बार देखा कि लोग मोदी सरकार को वापस लाने के लिए भजन गा रहे हैं और ये कोई राजनैतिक कार्यकर्ता नहीं है ये लोग नौकरीपेशा और कामकाजी लोग है । सुबह लोकल ट्रेन से निकलते है और शाम को लौटते है । हर बार रामधुन गाते थे इस बार मोदी धुन गा रहे हैं ताकि मोदी के लिए माहौल बनाया जा सके । 
गुड़गांव के एक पार्क का नजारा देखा मार्निग वॉक के लिए आने वाले लोग मोदी मोदी के नारे लगा कर माहौल बना रहे हैं । वो सारे लोग भी किसी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लोग नहीं है ना ही पार्टी के कार्यकर्ता । वाकिंग के साथ साथ मोदी के लिए टॉकिंग भी कर ली । 
अब सुनिये एक और दिलचस्प वाक्या  मैं दफ्तर के टी ब्रेक में नीचे चाय की गुमटी पर चाय पी रहा था । चाय पर चर्चा के दौरान मेरे साथियों ने मोदी सरकार की खिंचाई करनी शुरू कर दी । उस इलाके चाय पीने वालों में ज्यादातर लोग मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते है ऐसे ही एक ग्रुप हमारे बगल में खड़ा था और उस ग्रुप से एक आदमी जिसको हम जानते भी नहीं थे वो आया और मेरे मित्र से बोला आप लोग कितना भी मोदी की विऱोध कर लो सरकार तो मोदी की ही बनेगी । 
लंबे समय से मैं राजनीति को समझ रहा हूं इस दौरान चापलूसों को पनपते देखा है । चाटुकारों को देखा है । चमचों की चांदी देखी है लेकिन इस बार ये लोग कुछ अलग है । इनको बदले में कुछ नहीं चाहिए । ये वर्ग अपने पैरों का खड़ा है लेकिन मोदी का जबरदस्त समर्थक है विपक्ष ने अगर ऐसे लोगों को भक्त की संज्ञा दी है तो बिल्कुल सही संज्ञा दी है क्योंकि ये मोदी काम से खुश ही नहीं है बल्कि इनकों लगता है मोदी नहीं तो मुश्किल हो जाएगी जिंदगी । 
हैरान कर देने वाला एक और वाक्या मेरे साथ हुआ मेरी मुलाकात अनायास गौरव प्रधान नाम के एक शख्स से हुई उसने खुद को एनआरआई बताया और वो शख्स शहर शहर घूम कर लोगों को जागरूक कर रहा है लोगों से मिल रहा है और लोगों को बता रहा है क्यों मोदी सरकार को लाना जरूरी है । उसका कहना है मोदी के कारण विदेश में हमारी इज्जत बढ़ गई है लोग देश का नाम बड़ी इज्जत से लेते हैं ।  उस शख्स ने मोदी विरोधी हर बात का जवाब देने के लिए तगड़ी  रिसर्च की हुई है। वो शख्स इस काम के लिए बाकायदा हाल किराये पर ले रहा है उससे मिलने दर्जनों लोग जमा होते हैं उनके बीच बातचीत होती और फिर सब से  मोदी सरकार के लिए माहौल बनाने की अपील की जाती है । 
कई  मां-बाप ऐसे मिले जो अपने बच्चों को मोदी सरकार के समर्थन में नारे रटवा रहे हैं और उन वीडियोज को सोशल मीडिया पर डाउनलोड किया जा रहा है। ये सब फैब्रिकेटेड बिल्कुल नहीं है ये सब मोदी भक्ति का खुल्लम-खुल्ला प्रदर्शन कर है । 
दो हजार चौदह के चुनाव में मोदी के समर्थन में ऐसा बिल्कुल नहीं था । इस बार मोदी के प्रचार की बहुत बड़ी कमान इस तरह के भक्तों ने संभाल रखी है । इन भक्तों में कोई कामकाजी महिला है तो कोई घरेलू। कोई नौकरीपेशा शख्स है तो कोई कारोबारी । कोई शिक्षक है तो कोई चिकित्सक,कोई वकील। मेरे अनुभव में आये ज्यादातर मध्यवर्गीय है और मैं बार बार ये कहने की कोशिश कर रहा हूं कि ये भाजपा के कार्यकर्ता नहीं है बदले में इनकों कुछ नहीं चाहिए लेकिन डरे हुए है मोदी नहीं आये तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी ।
मुश्किल के बारे में पूछने जाओ तो कभी ये राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं तो कभी आतंकियों की बात करते हैं तो कभी कट्टरपंथी सोच के लोगों को बारे में बता कर सिहर जाते हैं देश के सम्मान और ताकत के लिए इन भक्तों को हाल-फिलहाल की राजनीति में मोदी से बेहतर कोई नहीं लगता । भारत की राजनीति में नेता भक्ति की ऐसी बयार दशकों के बाद लौटी है जाहिर है असर तो दिखाएगी ही । कितना!  ये तो 23 मई को ही पता चलेगा । 

1 comment:

jaideep shukla said...

Bahut Bahut Bahut shaandar,
Wakai jabardast likha hai. Ye post likhane wale ko bhi salaam hai