Tuesday, April 16, 2019

आजम का बयान अशिक्षा और अहंकार का प्रमाण है

बैन लगा कर आयोग ने भी जता दिया कि आजम से सावधान!  

द वायर की पत्रकार से इंटरव्यू करते हुए आजम खान ने बताया कि वो बच्चों को पढ़ाते है और ये भी दावा किया वो बेहतरीन शिक्षा देते हैं, यही नहीं वो वो यूनिवर्सिटी और कालेज के बच्चों को भी पढ़ाते है । उस इंटरव्यू  में उन्होंने दावा किया कि उनकी शिक्षा का असर है कि रामपुर की चौथी पीढ़ी के लोग उन्हें चुनाव में जिताने जा रहे हैं । जयाप्रदा के लिए चुनावी मंच से आजम ने जिस जबान में बात की है जाहिर है ये जबान उनके शिक्षण संस्थानों में भी गूंजती है अंदाजा लगाइये इस शख्स ने रामपुर की आबोहवा में और वहां के शिक्षण संस्थानों में कितना ज्यादा जहर घोल रखा होगा । 

ये सिर्फ एक वाक्या नहीं है आजम खान के पूरे राजनीतिक करियर को उठा कर देखिए ये व्यक्ति बोलता है तो सिहरन होती है । अपनी बदजुबानी से ये सैकड़ों बार  सुर्खियां बटोर चुके है और सबसे बड़ा कारण ये है कि इसके सिवा इन्हें कुछ आता भी नहीं है । आजम खान के भाषण और इंटरव्यूज को सुनें तो पता चलेगा कि इन्होंने हिंदु और मुसलमान के नाम हर होने वाली सियासत को हमेशा हवा दी है । अपनी कौम को खतरे में बता -बता कर आजम जैसे लोग सियासी रोटियां सेंक रहे हैं  और स्कूल -कॉलेज के नाम पर नफरत की नस्ल तैयार कर रहे हैं ।
आजम की भाषा में अशिक्षा और सांप्रदायिकता तो झलकती ही है साथ ही इस आदमी की बोली में अहंकार भी कूट-कूट कर भऱा हुआ है । विदिशा के हालिया प्रवास के दौरान आजम ने एक पत्रकार से कहां कि हम आपके वालिद की मय्यत में शामिल होने आये हैं अंदाजा लगाइये ये आदमी खुलेआम शिष्टाचार की सारी मर्यादाओं को सीना तान कर तोड़ रहा है और वजह है रामपुर । आजम कहते हैं रामपुर की एक एक गली में, एक एक घर में मेरी पैठ है ऐसा बोलकर वो अपनी शेखी नहीं बघारते बल्कि हर पल रामपुर के लोगों को दुनिया के सामने अपमानित कर रहे हैं और ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने इतना जहर घोल रखा है कि मेरी इजाजत के बगैर यहां कोई अमन और भाईचारे की सांस भी नहीं ले सकता । 

खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा रहनुमा बताने वाले आजम खान को लगता है हिंदुस्तान छोड़ने की उनकी धमकियों से, देश का गाली देने से, चंद घटिया लोगों की करतूतों का हवाला देकर भारत के अंदरूनी मसलों को यूएन में उछालने से  उनकी धाक मजबूत बन रही है लेकिन रामपुर के लोगों को, मुसलमानों को ये सोचना होगा कि जो आदमी अपने देश को दुनिया में बदनाम करने की साजिश रचे उसे क्या कहते हैं ? जो आदमी एक चुनाव जीतने के लिए महिलाओं की इज्जत को तार-तार करे उसे क्या कहते है ? ऱामपुर के लोगों को सोचना होगा वो अपने बच्चों को कितने खतरनाक आदमी का चारा बना रहे हैं? जिस शख्स की शख्सियत अहंकार का प्रतीक बन गई हो, जो जानबूझ कर सांप्रदायिकता को हवा दे रहा हो वो रामपुर के लिए, यूपी के लिए, भारत के लिए कितना ज्यादा नुकसानदेह है ।

चुनाव आयोग ने आजम की बोलती पर बैन लगा कर ये जता  दिया है ये आदमी सिर से पैर तक अशिक्षित है और इससे सावधान रहने की जरूरत है,अब इंसाफ करने की बारी रामपुर के लोगों की है ।              

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