Wednesday, September 2, 2009

क्या आप झलकारी को जानते हैं?



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मेरी एक दोस्त ने मुझे आज झलकारी की याद दिला दी...
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पता नहीं इस देश के मौजूदा बच्चे झलकारी को जानते हैं कि नहीं? मेरी पीढ़ी को झलकारी के बारे में कितना पता है ये भी मुझे नहीं मालूम। बॉलीवुड में भी एक नहीं, कई प्रोजेक्ट है जो झांसी की रानी पर फिल्म बनाना चाहते हैं लेकिन कही कोई झलकारी का जिक्र नहीं करता। अंग्रेजों से झांसी की रानी बन कर लड़ी थी झलकारी बाई। जनरल ह्यूरोज ने गिरफ्तार झलकारी को देखकर कहा था अगर ऐसी जैसी दो -चार वीरांगनाएं और होती तो ब्रितानी हिदुस्तान में इतना नहीं टिक पाते। महान कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी की गाथा( बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब मड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी) पर तो सबको नाज है, लेकिन उतने ही सम्मान की हकदार है झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की दुर्गा दल की वो सेनापति- झलकारी बाई। अगर राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त भी झलकारी बाई को भूल गये तो वो शायद अतीत के गहरे गर्त में कही खो जाती!
जा कर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी। गोरों से लडना सिखा गई, है इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी ।।
लेकिन जब मैंने झलकारी को जाना तो वो मेरे लिए सिर्फ वीरांगना नहीं है...
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वो तो दोस्ती पर मर मिटनेवाली इबादत है
वो कर्म पर कुर्बानी सिखाने वाली गीता है
वो रिश्तों का आदर करने वाली रामायण है
वो शत्रु के रक्त से नहाने वाली महाभारत है
वो स्वभामिमान का मक्का और सम्मान की मदीना है
वो दीन-दुखियों के दिल को सुकून देने वाली गुरूवाणी है
वो दलित की बेटी पोगापंथ से लड़ते कबीर की साखी में मिल जाएगी
रहीम के दोहों में उसका प्रेम पसरा पड़ा है
और ये सब सिर्फ झलकारी की एक झलक है
उसमें तो धर्म की झंकार भी है
महाकाव्य का झरना भी है
वो गर्व और गौरव का सबसे ऊंचा झंडा है।

1 comment:

Unknown said...

mai jhalkari ko jante hue bhi uski prashansa na kar saki, na hi kabhi koshish kee use sab tak pahuchane kee. aapne achcha kiya uska parichaya nai peedhi se karake...shukriya dost!