Friday, April 21, 2017

लालबत्ती की बंदी तो बदलाव का सिर्फ ट्रेलर है



पुराने सरकारी ढर्रों के दिन अब लद गये 


देश के लिए सिस्टम को बेहतर 
करना ही होगा  

 
मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों से लाल बत्ती हटा कर बीजेपी ने वीआईपी कल्चर खत्म करने की शुरूआत कर दी है । बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्दे ने इसे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की आम आदमी को ताकतवर बनाने के दिशा में एक और प्रभावशाली कदम बताया है । इस मामले में पूरी बीजेपी प्रधानमंत्री के साथ है, पार्टी चाहती है कि आम और खास के बीच का फर्क खत्म हो, इसके लिए प्रतीकों को ध्वस्त करना जरूरी था ।
लालबत्ती की बंदी से पहले प्रधानमंत्री नोटबंदी कर सुधारवादी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन कर चुके हैं । वो कहते हैं कि विरोधी भले ही कुछ कहे लेकिन प्रधानमंत्री के इस फैसले ने नकली नोट बनाने वालों, तस्करी करने वालों, नशे का कारोबार करने वालों , कालाबाजारी करने वालों, कालाधन रखने वालों ,  हवाला कारोबारी , आतंकवाद में शामिल लोगों में एक डर पैदा किया है । नोटबंदी के इस फैसले से ईमानदारी प्रमाणित हुई है और बेईमान लोगों में पहली बार इस कदर हड़कंप मचा है ।
साधारण आदमी को सशक्त बनाने के लिए सरकार पिछले ढाई सालों में लगातार इस प्रयास में लगी है कि पुराने बेकार हो चुके कानून के बोझ से आम जनता का मुक्त कराये औऱ वो कानून मुहैया कराया जाय जिससे साधारण आदमी सरलता से व्यवस्था में भागीदार बना रहे ।
64 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग को अस्तित्व में लाने के प्रधानमंत्री के फैसले को भी सहस्त्रबुद्दे आधुनिक सोच से भरा कदम मानते हैं । उनका मानना है आयोग का एक धड़ा राज्यों और क्रेंद्रीय सचिवालयों के बीच समझ को विकसित कर सबका साथ और सबके विकास  की दिशा में काम कर रहा है, तो ज्ञान और नवप्रवर्तन से जुड़े एक दर्जन स्तरों पर विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता विकसित करने का काम सौंपा गया है,जैसे-व्यापार और वृहद स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा कौशल विकास । ताकि समृद्धि का आधार  ठोस हो, नतीजे सकारात्मक हो ।
रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बनाकर बीजेपी सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय दिया है । तो वहीं जीएसटी के मूल में भी आम आदमी की सहूलियतें ही सर्वोपरि हैं।  
सहस्त्रबुद्दे का मानना है कि आनेवाले दिनों सरकार और भी ऐसे साहसिक फैसलों से अपने विश्वास को प्रदर्शित करती रहेगी । वो अब तक उठाये कदमों को सिर्फ शुरूआत की संज्ञा देते हैं उनका कहना है विकसित और समृद्धिशाली भारत बनाने के लिए हर मोर्च पर बहुत बदलाव की जरूरत है जो आनेवाले दिनों जनता महसूस करेगी ।

( ये लेख बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे से श्रीधर राव की बातचीत पर आधारित है )

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