Saturday, April 15, 2017

योगी बोले अली दा पहला नंबर, बजरंग बली का दूजा!


मुसलमानों की पहले और चौथे नंबर के खलीफा की लड़ाई सुलझ नहीं रही है । अब योगी भी भारत के पूर्ववर्ती राजनेताओं की तरह इस कोशिश में कूद पड़े हैं। योगी ने इस मामले में सबसे ज्यादा हैरान किया 10 अप्रैल को , संयोग से इस दिन बजरंग बली की जयंती भी थी और हजरत अली साहब का भी जन्म दिन था । योगी ने उस दिन सबसे पहले प्रदेशवासियों को हजरत अली साहब के जन्मदिन की शुभकामना दी और उसके दो मिनट के बाद बजरंगबली का ध्यान किया । शायद योगी की जिंदगी में ये पहला मौका होगा जब अली दा पहला नंबर रहा और बजरंग  बली का दूसरा ।  
योगी जिस तरह से यूपी के मुसलमानों का दिल जीतने निकले हैं उससे लगता है वो कांग्रेस, और सपा को इस मामले में पीछे छोड़ देंगे । अब देखिए ना योगी सरकार मुस्लिम लड़कियों की शादी के लिए मेहर देने की योजना ला रही। अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा बैठक में योगी ने इस प्लान को हरी झंडी दिखा दी है। इसके लिए सामूहिक शादियों का आयोजन कर सरकार मेहर की रकम के रूप में बेटियों की शादी में मदद करेगी।
यही नहीं उत्तर प्रदेश के 19,213 मदरसों का आधुनिकरण किया जाएगा। मदरसों के आधुनिकरण के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। हिंदी, अंग्रेजी गणित और विज्ञान पढ़ाया जाएगा। इसके संदर्भ में जल्द बैठक बुलाई जाएगी। पुराने मदरसों के आधुनिकरण के लिए ये बैठक होगी ।
 और सुनिए!  जुलाई में हज यात्रा शुरू हो रही है । योगी आदित्यनाथ चाहते हैं हज यात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जाए ।
मुसलमानों को लेकर योगी के इन  फैसलों में एक तरफ सकारात्मका फूट रही है तो दूसरी तरफ आंशकाओं का आकाश भी फट रहा है । आंशका इस बात कि जिस तरह से  कांग्रेस ने मुसलमानों को वोट बैंक समझा और अपने प्रलोभनों के जाल में उलझा कर रखा, फिर सपा और बसपा में मुसलमानों को अपना बनाने की होड़ मची थी।  अब योगी जी के फैसलों को देखकर लगता है कि वो 2019 की तैयारी में पूरी ताकत से जुट गये हैं ।
सबसे पहली आशंका ये है एक तरफ आप सबका साथ और सबके विकास की बात करते हैं दूसरी तरफ आपके फैसलों से हिंदू औऱ मुसलमान रंग नज़र आने लगा हैं । लगता है  योगी जाति,  वर्ग और संप्रदाय के सबसे बड़े हितैषी बनने  की होड़ में  मुख्यमंत्री पद को अवसर की तरह ले रहे हैं।
दूसरा अगर सरकारें ही शादी, मदरसे, हज, मंदिर, मस्जिद तीर्थयात्रा का काम करने लगे तो फिर शासन -प्रशासन का काम कौन करेगा ?
तीसरा समाज और संप्रदाय का दिल जीतने की कोशिश में कहीं योगी  प्रदेश के कमजोर व्यक्तियों  को सरकारों पर निर्भर तो नहीं कर रहे हैं?  ऐसे में जाहिर है  व्यक्ति  कमजोर होगा , कमजोर व्यक्ति मतलब कमजोर समाज और कमजोर समाज मतलब कमजोर राज्य ।
चौथा ऐसे ऐसे लोकलुभावनों फैसलों के चलते सरकार पर पढ़नेवाला आर्थिक बोझ कल्याणकारी राज्य की नींव को ही कमजोर कर देता है ।
जाहिर है योगी प्रथम दृष्टया वहीं कर रहे हैं जो गलतियां पूरवर्ती सरकारें करती रही है जिसे हम  तुष्टीकरण कहते हैं । बस इस भगवा खलीफा का अंदाज फायर ब्रांड है । 

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